भैंस गाभिन है या नहीं: आज के तेजी से बदलते समय में, पशुपालन में नई तकनीकों का उपयोग करना महत्वपूर्ण हो रहा है। खाद्य सुरक्षा और पशुओं की अच्छी देखभाल के लिए गाय और भैंसों का पालन-पोषण सही से करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल ही में तकनीकी प्रगति के चलते, एक नई प्रेग डी किट विकसित की गई है जो घर पर ही भैंस के गर्भधारण की जानकारी प्रदान करती है।
किट का उपयोग:
प्रेग डी किट का उपयोग करना बहुत आसान है और इससे आप अपनी भैंस के गर्भधारण की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किट में भैंस का मूत्र डालना होता है। डालने के बाद, किट में रंग परिवर्तित होता है जिससे आपको यह पता चलता है कि भैंस गाभिन है या नहीं।
किट की विशेषताएं:
किट का उपयोग करना सरल है और घर पर ही किया जा सकता है।
यह किट सीआईआरबी द्वारा तैयार की गई है और उसने मिथुन पशुओं पर सफलता से परीक्षण किया है।
डॉक्टरों के मुताबित, इसका सही उपयोग करने से पशुपालकों को गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं का सही समय पर पता चल सकता है।
किट का सही तरीके से उपयोग:
प्रेग डी किट का सही तरीके से उपयोग करने के लिए, किट में मूत्र डालने से पहले यह सुनिश्चित करें कि मूत्र का तापमान 20 से 30 डिग्री के आसपास है।
रंग परिवर्तन के आधार पर, गाभिनता की स्थिति को सही से पहचानें।
यदि रंग गहरा लाल या बैंगनी है, तो भैंस गाभिन है, और अगर पीला है, तो गाभिनता नहीं है।
इस नई प्रेग डी किट का उपयोग करके, पशुपालक अब अपनी भैंस के स्वास्थ्य की जानकारी को बेहतरीन तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।
यह नई तकनीक उन्हें समय में गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं का सही समाधान प्रदान कर सकती है, जिससे उन्हें नुकसान कम होगा और पशुपालन में सुधार होगी।