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खुशखबरी : कपास में हुए नुकसान की भरपाई करेगी सरकार, गुलाबी सुंडी से खराब हुई कपास की स्पेशल गिरदावरी

kanchan
By kanchan
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E-Compensation Portal: कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि राज्य सरकार अब कपास के किसानों की फसलों को बारिश और कीट से हुए नुकसान की भरपाई करेगी। इस प्रकार, किसानों को 12,500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके तहत, राज्य में ‘ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल’ (E-Compensation Portal) को 1 से 3 अक्टूबर तक के लिए दुबारा से खोला जा रहा है, ताकि किसान अपनी कपास की फसल में हुए नुकसान की जानकारी इस पोर्टल पर दर्ज कर सकें। इसका उद्देश्य किसानों को बारिश और कीट से हुए नुकसान की भरपाई में मदद करना है।

राज्य में कपास की फसल को इस साल बारिश और गुलाबी सुड़ी कीट (pink sooty bug) के कारण काफी नुकसान हुआ है, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ है। इस नुकसान के आंकलन के लिए, राज्य सरकार ने किसानों के नुकसान की भरपाई अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

कपास के किसान अब ‘ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल’ पर अपने नुकसान की जानकारी दर्ज करवा सकते हैं और इसके बदले में 12,500 रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। इस कदम से किसानों को उनके नुकसान की पूरी राहत मिलेगी और उन्हें अपनी फसल को बेहतर ढंग से संभालने का मौका मिलेगा।

बैठक में क्या लिया गया है निर्णय

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (E-Compensation Portal) को एक अक्टूबर से खोलने के निर्देश दिए हैं ताकि किसान अपनी कपास की फसल में हुए नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करा सकें। यह निर्देश हाल ही में कृषि मंत्री ने कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में दिए हैं।

कपास में फसल नुकसान का होगा सही आंकलन

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कृषि मंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को कपास में हुए नुकसान का आकलन करके उसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं जिससे राजस्व विभाग द्वारा रिपोर्ट के आधार पर फसल में हुए नुकसान पर वित्तीय सहायता किसानों को दी जा सके। उन्होंने अधिकारियों को कपास में गुलाबी सुड़ी के प्रकोप से हुए नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत हर गांव में कपास की फसल की कटाई प्रयोगों को दुगुना करते हुए 4 से 8 करने के भी निर्देश दिए गए है जिससे नुकसान का सटीक आंकलन किया जा सके। उन्होंने प्रयोगों की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए ताकि फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर कपास की फसल में हुए नुकसान पर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जा सके।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल को भी 3 दिन के लिए खोला

इसी के साथ ही हरियाणा राज्य सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (my crop my details portal) को भी तुरंत प्रभाव से तीन दिन के लिए खोलने का निर्णय लिया है ताकि किसान अपना पंजीयन करा सकें। जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसलों का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज नहीं किया है, वे किसान अपनी फसल का ब्यौरा पंजीकृत करवाकर फसल को आसानी से बेच सकते हैं।

किसान कैसे दर्ज करें ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी (How can farmers enter crop loss information on e-compensation portal)

जो किसान ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (E-Compensation Portal) पर फसल नुकसान की जानकारी ऑनलाइन देना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करके आसानी से फसल नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं, क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जानकारी दर्ज कराने का तरीका इस प्रकार से हैं

  • सबसे पहले अपनी फसल का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल fasal haryana.gov.in/ पर करवाएं।
  • इसके बाद किसान अनुभाग पर क्लिक करें।
  • इसके बाद ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए क्लिक करें।
  • अब पीपीपी आईडी, मेरी फसल मेरा ब्यौरा आईडी या मोबाइल नंबर में से किसी एक से लॉगिन करें।
  • लॉगिन करने के बाद जिस किसान ने पंजीकरण किया है उसका ब्यौरा खुल जाएगा।
  • इसक बाद किसान अपनी फसल के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • शिकायत दर्ज करने के बाद संबंधित विभाग व अधिकारी द्वारा आपकी शिकायत पर आगामी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
  • किसान चाहे तो अपने मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर या फिर अटल सेवा केंद्र के माध्यम से भी फसल नुकसान की सूचना दे सकते हैं।
  • कैसे करें मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
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यदि आपने अभी तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो आपको सबसे पहले इसमें रजिस्ट्रेशन कराना होगा उसके बाद ही आप ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकेंगे। मेरी फसल मेरा ब्यौरा में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online registration in Meri Fasal Mera Byora) का तरीका इस प्रकार से हैं

  1. सबसे पहले आपको मेरी फसल मेरा ब्यौरा की आधिकारिक वेबसाइट haryana.gov.in/ पर जाना होगा।
  2. यहां होम पेज पर किसान अनुभाग नाम से ऑप्शन दिखाई देगा आपको इसे सलेक्ट करना होगा।
  3. इसके बाद अगले पेज पर आपको किसान पंजीकरण हरियाणा नाम के ऑप्शन को सलेक्ट करना होगा।
  4. इसके बाद फिर अगले पेज में आपको अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालकर लॉगिन करना होगा।
  5. अब आपसे अगले पेज पर कुछ जानकारियां जैसे मोबाइल नबर, आधार कार्ड नंबर व परिवार आईडी इनमें से कोई एक भी जो आपके पास हो उसे आपको खाली बॉक्स में भरना होगा।
  6. इसके बाद आपको सर्च के बटन पर क्लिक करना है।
  7. इसके बाद आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आ जाएगा। अब आपको इस ओटीपी को खाली बॉक्स में भरना होगा।
  8. इसके बाद आपके सामने अगले पेज में इसका पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा।
  9. इस पंजीकरण फार्म में आपको चार चरणों में ब्यौरा देना होगा। इसमें पहला चरण किसान पंजीकरण का होगा। इसमें आपको मांगी गई सारी जानकारी भरनी होगी।
  10. इसके बाद पंजीकरण फार्म में दूसरा चरण होगा जिसमें आपको अपनी बोई गई फसल का विवरण और फसल से जुड़ी सारी जानकारी भरनी होगी।
  11. तीसरे चरण में आपको अपने बैंक की सारी जानकारी जो भी इसमें पूछी गई है उसे भरना होगा।
  12. सबसे अंत में चौथा चरण आएगा जिसमें आपको मंडी के विवरण की जानकारी भरनी होगी।
  13. इस तरह सभी चारों चरणों की जानकारी भरने के बाद आपको फार्म सबमिट कर देना है। इस तरह आप मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के तहत पंजीकरण कर पाएंगे।
  14. मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना में पंजीकरण के लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
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मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना में पंजीकरण के लिए किसानों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के तहत जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले का आधार कार्ड
  • आवेदक का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो
  • आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो
  • आवेदक किसान का बैंक खाता जिसमें पासबुक की कापी
  • आवेदक किसान का निवास का प्रमाण पत्र
  • किसान पहचान पत्र
  • खेत की जमीन के कागजात आदि।
  • योजना से संबंधित आवश्यक लिंक-
  • फसल का पंजीकरण कराने के लिए लिंक- https://fasal.haryana.gov.in/
  • फसल क्षतिपूर्ति की जानकारी दर्ज कराने के लिए डायरेक्ट लिंक- https://ekshatipurti.haryana.gov.in/
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