सोमवार को जयपुर सरसों कंडीशन का भाव 5825 रुपए प्रति क्वार्टर पर खुला, क्या ख़बर है? क्या किसानों के लिए है यह एक बड़ी अच्छी ख़बर? आइए जानते हैं।
सरसों की कीमतों में तेजी
पिछले सप्ताह सरसों की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है, जिसका भाव सोमवार को 5825 रुपए प्रति क्वार्टर पर खुला था। इससे पहले, शनिवार की शाम को सरसों का भाव 5900 प्रति कुंतल पर बंद हुआ था। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरसों की कीमतों में 75 रुपए की तेजी देखने को मिली है।
साप्ताहिक सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट
साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार, सरसों की बिकवाली में कमी, मिलन की सामान्य मांग और मंडियों में सरसों की सीमित अवर के कारण सरसों में बड़ी चाल नहीं है। हालांकि, सरसों की कीमतों में सरसों खल और सरसों तेल में आई मजबूती के चलते हल्की तेजी देखने को मिली है।
नाफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Ltd.) के द्वारा 1290 टन सरसों बिकवाली की गई है, और सरसों का सबसे ऊपर बीड मुआईना में 5454 रुपए प्रति कुंतल पर पास किया गया है। नाफेड के माल में हुई ऊंची बोली के चलते सरसों की कीमतों को सहारा मिल रहा है।
खल की कीमतों में आई तेजी
इस सप्ताह सरसों तेल और अन्य तेलों में आई मांग के चलते कच्ची घानी की कीमत में भी 1.5 से ₹2 प्रति किलो की तेजी हुई है। वही खल की मजबूत मांग को देखते हुए ₹50 प्रति कुंतल तक तेजी देखने को मिली है।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण संकेत
दोराब मिस्त्री के मुताबिक, आगामी दिनों में सरसों की बुवाई का रकबा घट सकता है क्योंकि किसानों को सरसों की कीमत उतनी नहीं मिल रही है जितनी वे सोच रहे थे। इसलिए बुवाई में कमी देखने को मिल सकती है।
अनुमानित आगामी स्थिति
विदेशी बाजारों में रिकवरी होने की उम्मीद से दिवाली से पहले सरसों की कीमतों में अस्थाई उछाल देखने को मिल सकता है। हालांकि नाफेड के द्वारा बिकवाली और पर्याप्त सप्लाई बनी रहने से बड़ी और टिकाऊ तेजी होने की संभावना नहीं है। सुस्त मांग को देखते हुए खल के दाम में भी बड़ी तेजी की संभावना नहीं करनी चाहिए।
ध्यान दें कि सरसों की कीमत अधिकतम 6225 प्रति कुंतल तक सीमित नजर आ रही है, इसलिए व्यापारिक निर्णय लेने से पहले स्वयं की जरूरतों और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखें।
यहां से जो भी बढ़ोतरी मिले, उसमें स्टॉक खाली करने का विचार कर सकते हैं। आने वाले समय में मौसम की चाल और खेती की तय समय पर जानकारी भी महत्वपूर्ण हो सकती है।
आपके किसान दोस्तों को इस ख़बर के बारे में बताएं और उनके साथ खेती से जुड़े ख़ास टिप्स और सुझाव दें।