Gold Silver Price : फेस्टिव सीजन के आगमन के साथ ही गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में एक तेजी से गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के 11 महीने के हाई पर पहुंच जाने से इसका दबाव घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों पर पड़ा, और यह 7 महीने के निचले स्तर पर आ गई।
ग्लोबल बाजार में भी गोल्ड की कीमत (Gold Price Today) में भारी गिरावट आई है और यह लगभग 1,815 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
इसका असर भारतीय बाजार पर भी हुआ है और प्रति दस ग्राम 995 गोल्ड की कीमत 56,448 रुपये पर आ गई है। चांदी भी 4 पर्सेंट से ज्यादा फिसल कर 66,000 के लेवल पर आ गई है।
कीमतों में गिरावट कहां तक जा सकती है?
जानकारों का कहना है कि सोने-चांदी की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। IBJA के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता का कहना है कि आने वाले समय में गोल्ड की कीमतें 1784 डॉलर प्रति औंस मतलब घरेलू बाजार में 54600 रुपये प्रति दस ग्राम तक आ सकती हैं।
अमेरिका में फंडिंग अरेंज करने के लिए पेनिक सेलिंग हो रही है, यह रुकने के बाद गोल्ड की कीमतें फिर बढ़ेंगी। ऐसे में खरीदने का अवसर हो सकता है।
वहीं GJC के चैयरमेन संयम मेहता का कहना है कि गोल्ड की कीमतें 1795 डॉलर प्रति औंस पर दिख सकती हैं। गोल्ड की कम हो गईं कीमतें भी श्राद्ध के कारण रिटेल काउंटर पर रौनक नहीं ला रही हैं। इसके बावजूद, GJC ने दिवाली एडिशन लॉन्च किया है, जिससे गोल्ड की कम कीमतें बी-2-बी डिमांड को बढ़ाने में सफल हो सकता है।
ये रही वजह
केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि अमेरिकी ब्याज दरों के लंबे समय तक ऊंचे बने रहने की लगातार चिंताओं के बीच डॉलर में व्यापक मजबूती और हायर ट्रेजरी यील्ड के कारण जबकि घरेलू और इंटरनैशनल मार्केट में सिल्वर और गोल्ड की कीमतें 7 महीने के निचले स्तर पर आ गईं। केडिया का मानना है कि सिल्वर और गोल्ड की कीमतें मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के 11 महीने के रेकॉर्ड उच्च स्तर पर चढ़ने के कारण दबाव में हैं।
वहीं, एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी अनुज गुप्ता ने कहा, ‘अमेरिकी सरकार 1 अक्टूबर 2023 को शटडाउन को टालने में कामयाब रही है, इसलिए अमेरिकी डॉलर को और मजबूती मिली है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 11 महीने के हाई पर जाने से इसके दबाव में गोल्ड-सिल्वर की कीमतें 7 महीने के निचले स्तर पर आ गईं।’
डॉलर इंडेक्स बढ़कर 107.21 पर पहुंचा
अमेरिकी ब्याज दरों के लंबे समय तक ऊंचे बने रहने की लगातार चिंताओं के बीच डॉलर में व्यापक मजबूती और हायर ट्रेजरी यील्ड के कारण भारतीय रुपया मंगलवार को कमजोर होकर बंद हुआ।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.2050 पर बंद हुआ। डॉलर इंडेक्स बढ़कर 107.21 पर पहुंच गया, जो नवंबर 2022 के बाद इसका उच्चतम स्तर है।
SMC ग्लोबल हेड ऑफ फॉरेन एक्सचेंज अर्नोब बिस्वास ने कहा, ‘अगर 10 साल की अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड 4.75% से ऊपर चली जाती है तो रुपया जल्द ही रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच सकता है।