झलको हरियाणा, चंडीगढ़: हरियाणा में पुलिस विभाग के 372 (IO) जांच अधिकारियों पर गाज गिरी है। पुलिस विभाग ने 372 जांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। एडीजीपी क्राइम ने संबंधित जिलों के आला पुलिस अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। मंत्री अनिल विज के आदेश के बाद कार्रवाई की गई है.
एक साल में भी दर्ज एफआईआर के मामलों को नहीं निपटाने पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कड़ा फैसला लेते हुए आदेश दिया था। लापरवाही बरतने वाले 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को निलंबित करने का आदेश दिया गया। इनमें हवलदार, एएसआई से लेकर एसआई तक के पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। इन पुलिस कर्मचारियों को निलंबित करने के लिए विज ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पत्र भेजा था।
गृह मंत्री अनिल विज ने इस संबंध में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को गत 11 मई को पत्र लिखकर सूचना भी मांगी थी। पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र के अनुसार विज ने कहा कि प्रदेश में दर्ज एफआईआर के शीघ्र निस्तारण के लिए उन्होंने कई बार कहा है। पिछले महीने उन्होंने आदेश दिया था कि उन सभी आईओ से स्पष्टीकरण मांगा जाए, जिन्होंने एक वर्ष में एफआईआर का निपटारा नहीं किया। इन मामलों की संख्या 3229 से अधिक है।
विज ने पत्र में दुख जताते हुए कहा है कि उनके निर्देश के बावजूद 372 आईओ ने मामलों का अंतिम रूप से निपटारा नहीं किया और उनके कारण भी संतोषजनक नहीं हैं। वे लोगों को उनकी शिकायतों पर कार्रवाई के लिए एक जगह से दूसरे जगह तक भटकने पर मजबूर कर रहे हैं। यह बेहद गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। गृह मंत्री ने पत्र में कहा है कि इन सभी जांच अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए और उनके मामलों को एक महीने में अंतिम निपटान के लिए संबंधित डीएसपी को स्थानांतरित कर दिया जाए, अन्यथा उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
निलंबित होने वालों में सबसे अधिक सिरसा के
जिला निलंबित अधिकारी
सिरसा 66
गुरुग्राम 60
यमुनानगर 57
फरीदाबाद 32
रोहतक 31
करनाल 31
अंबाला 30
जींद 24
हिसार 14
पंचकूला 10
सोनीपत 09
रेवाड़ी 05
पानीपत 03
हर सप्ताह जनता दरबार लगाते हैं विज
अनिल विज हर शनिवार को अंबाला में खुला दरबार लगाते हैं। इस दौरान पुलिस के खिलाफ काफी संख्या में शिकायतें आती हैं। खुले दरबार के दौरान ही विज सीधे एसपी को फोन करते हैं, बावजूद इसके कई मामलों में पुलिस कर्मचारी लापरवाही बरतते हैं। ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। इसलिए विज ने एक साथ इतने जांच अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश जारी किया है, ताकि भविष्य में कोई ढील न हो। देखना यह है कि क्या एक साथ इतने जांच अधिकारियों पर कार्रवाई होगी या नहीं।