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Asian Games 2023: हरियाणा की प्रीति लांबा ने जीता कांस्य पदक! खुशी से झूमा पूरा गांव

sandeepgusaiana
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मेरी बेटी को सफलता की ओर बढ़ते हुए देखकर मेरा दिल खुशी से भर आया है। मैंने उसे उसकी मानवीय और शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसी भी संभावित कमी से बचाने के लिए पेट्रोल पंप पर 15 हजार रुपये की नौकरी की थी, और मैंने लगातार 48 से 72 घंटे तक काम किया।

ओवरटाइम करके, मैंने अतिरिक्त पैसे कमाए ताकि मेरी बेटी को उसकी डाइटिक आवश्यकताओं का पूरा समर्थन कर सकूं। घर में हमारे दो और भी बच्चे हैं – गौतम और कृष्ण, और मेरी बड़ी बेटी ज्योति की भी जिम्मेदारी मुझ पर थी।

आज, मुझे खुशी है कि मेरी बेटी प्रीति ने मेरी कठिनाइयों और संघर्षों का मान लिया और उसने जो मेहनत की, वो सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया।

प्रीति ने अपने पुरस्कार के रूप में एशियन गेम्स में तीन हजार मीटर स्टीपल चेस दौड़ में कांस्य पदक जीतकर अपने परिश्रम को सफलता तक पहुँचाया है।

इस महत्वपूर्ण मोमें, मेरे दिल से आगे जाने वाले शब्दों के साथ, मैं अपने गर्व और गौरव की भावना साझा करता हूँ। जगबीर सिंह, जो अपनी पुत्री प्रीति लांबा के सफलता के पीछे की गुप्त कहानी को बताते हुए। प्रीति के पदक जीतने से पूरे गांव में खुशी का माहौल बन गया है और यह उसके पैरों तले की खुदी की मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है।

घर पर बधाई देने वालों का लगा तांता
प्रीति की मां राजेश, भाभी अंजलि, ताई सत्यवती नाच गाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रही हैं। सूचना पाकर मौसा धनसिंह मलिक, बीरपाल धारीवाल, ऋषिपाल मलिक, अजीत नंबरदार, महावीर फौजी, अश्वीर सिंह, सूबेदार रामरूप फौजी और ताई सुमेर सिंह निवास पर पहुंच कर बधाई दी।

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कोच हुए भावुक
इस मौके पर प्रीति के प्रथम कोच रोशन लाल मलिक भावुक नजर आए। पिता जगबीर ही प्रीति को रोशन लाल मलिक के पास लेकर गए थे। प्रीति में लगन व प्रतिभा देख रोशन लाल ने गांव की पगडंडियों पर अभ्यास शुरू कराया। कोच रोशन लाल ने कहा कि एशियन गेम्स में पदक जीत कर प्रीति ने मेरी मेहनत को सार्थक कर दिया।

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