Jhalko Haryana, Chandigarh: हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है। प्रदेश सरकार नियमित करने को लेकर पॉलिसी लेकर आ रही है। सरकार ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान इसका खुलासा किया।
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार इस बारे में नीति बनाने का विचार कर रही है। कच्चे कर्मियों की याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है।
पानीपत नगर निगम में एक दशक से भी अधिक समय से सेवा दे रहे सफाई कर्मचारी कृष्ण लाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उन्हें नियमित करने की मांग की थी।
याचिका में और क्या कहा गया
याचिका में बताया गया कि इतनी लंबी सेवा देने के बावजूद अभी तक उन्हें नियमित नहीं किया गया है। अनुबंध पर एक दशक से अधिक समय से सेवा देने से पूर्व वह पूरी तरह से कच्चे कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे। वह नियमित कर्मचारियों की तरह सभी तरह के कार्य को पूरा करते हैं, बावजूद इसके उन्हें उनके समान वेतन व भत्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
HC में बढ़ रही याचिकाओं की संख्या
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि उन्हें नियमित किया जाए और पक्के कर्मचारियों की तर्ज पर ही वेतन व भत्तों का भुगतान किया जाए। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि लगातार नियमित करने की मांग को लेकर दाखिल होने वाली याचिकाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी विभागों, बोर्ड और कार्पोरेशन में कार्यरत कच्चे कर्मचारी इस मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण ले रहे हैं।
सरकार की बनाई पॉलिसी HC कर चुका है रद्द
ऐसे में हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति रखते हुए हरियाणा सरकार इन्हें नियमित करने पर विचार करे। इससे पहले हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नीति तैयार की थी। यह नीति हाई कोर्ट ने रद्द कर दी थी और इसके खिलाफ हरियाणा सरकार की अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।