हरियाणा में पराली जलाने के मामलों को नियंत्रित करने के दावे में दम तोड़ रहे हैं। प्रदेश में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है। 15 सितंबर से 1 अक्तूबर तक हरियाणा में 112 मामले दर्ज किए गए हैं, जो बीते चार सालों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं।
साल 2020 में इस समयावधि के दौरान पूरे हरियाणा में 93 मामले सामने आए थे। साल 2021 में 11 और साल 2022 में सिर्फ दो मामले सामने आए थे।
अंबाला में शहजादपुर क्षेत्र के फतेहगढ़ गांव में पराली जलाने पर कार्रवाई के लिए पहुंची टीम को किसानों ने करीब 45 मिनट तक बंधक बनाए रखा।
हरियाणा में इस बार 15 सितंबर से पहले ही पराली जलाने के मामले सामने आने लगे थे। पहले एक-दो मामले ही सामने आ रहे थे, मगर 27 सितंबर से इसमें तेजी आ गई है।
इस बार कुरुक्षेत्र, सोनीपत, करनाल, अंबाला, और यमुनानगर में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। रविवार रात को अंबाला के फतेहगढ़ गांव में पराली जलाने की जानकारी मिली थी।
सोमवार को टीम सत्यापन और कार्रवाई के लिए गांव पहुंची तो किसानों ने टीम को बंधक बना लिया। किसानों ने अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान किसी अधिकारी को हमारी याद नहीं आई, मगर पराली जली तो चालान काटने आ गए।
करीब पौने घंटे बाद उन्होंने टीम को छोड़ दिया। टीम में ग्राम सचिव, पटवारी, और कृषि विभाग के कर्मचारी शामिल थे। किसानों का कहना है कि अब इस संबंध में मंगलवार को वे उपायुक्त और कृषि उप निदेशक से मुलाकात करेंगे।
कृषि उप निदेशक जसविंद्र सिंह ने बताया कि फतेहगढ़ गांव में किसानों ने टीम को चालान नहीं काटने दिए।
किसानों पर अभी केवल जुर्माना…एफआईआर नहीं
कुरुक्षेत्र में पराली जलाने के अब तक 41 मामले सामने आए हैं। इनमें 34 किसानों पर जुर्माना लगाया गया। अभी तक कोई एफआईआर नहीं हुई है।
करनाल में 13 में से सात किसानों पर 30 हजार जुर्माना लगा। कैथल में तीन, पानीपत में छह, यमुनानगर में आठ व अंबाला में दो किसानों पर जुर्माना लगाया गया।
फतेहाबाद में 6 किसानों से 9 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। सोनीपत में सोमवार को सैटेलाइट से गांव जांटी कलां में पराली जलाने की लोकेशन मिली।
रविवार देर शाम तीन जगह सूचना मिली थीं। जांच के बाद गांव भठगांव व जैनपुर के दो किसानों पर 2500-2500 जुर्माना लगाया गया। जींद के छात्तर गांव के किसान अजय व सिलाखेडी के किसान पर भी जुर्माना लगाया गया।
पंजाब में सबसे ज्यादा जल रही पराली
पंजाब में धान कटाई के बीच ही पराली जलनी शुरू हो गई है। 15 सितंबर से धान कटाई शुरू हुई है लेकिन बीते 16 दिनों के भीतर ही पराली जलाने के 342 मामले सामने आ चुके हैं।
अमृतसर में सबसे ज्यादा 86 स्थानों पर पराली जली है। सरकार के तमाम दावों के बावजूद पराली जलाने के मामलों में अंकुश नहीं लग पा रहा है। 2021 में एक अक्तूबर तक 228 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या 192 थी।