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हरियाणा: कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट में फार्मा कंपनी के मालिक ने बांटी गाड़ी की चाबियां; कईयों को ड्राइविंग भी नहीं आती

Mukesh Gusaiana
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झलको मीडिया (हरियाणा) हरियाणा के पंचकूला की एक फार्मा कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट के तौर पर कारें बांटी हैं। कंपनी के मालिक एमके भाटिया ने कर्मचारियों को कारों की चाबियां सौंपी। उन्होंने कहा कि 12 कार गिफ्ट की हैं। यह उनके कर्मचारी नहीं बल्कि स्टार और सेलिब्रिटी हैं। जो शुरू से उनके साथ जुड़कर कंपनी को कामयाब करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

फार्मा कंपनी के मालिक ने 12 कर्मचारियों को टाटा पंच गाड़ी गिफ्ट की है। इनमें कुछ कर्मचारी तो ऐसे हैं, जिन्हें गाड़ी तक चलानी नहीं आती। कंपनी मालिक ने उनकी ईमानदारी और मेहनत देखकर कार गिफ्ट की है। उन्होंने कहा कि कंपनी कुछ साल पहले शुरू की थी। हर अच्छी-बुरी स्थिति में कर्मचारी उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

कर्मचारी हुए हैरान, बोले- सपने में भी नहीं सोचा था
कंपनी मालिक ने जब कर्मचारियों को एक-एक कर बुला कार की चाबी सौंपी तो सब हैरान रह गए। किसी को उम्मीद नहीं थी कि दीवाली पर उन्हें ऐसा गिफ्ट मिल जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि सबकी तरह उनका भी सपना था कि हमारे पास कार हो। मगर, नौकरी में इतनी गुंजाइश नहीं थी। अचानक मालिक ने कार दे दी। जिससे उनका सपना पूरा हो गया।

कार गिफ्ट मिलने से खुश कर्मचारियों के PHOTOS

कंपनी मालिक एमके भाटिया की 4 अहम बातें

1. बिजनेस में टीम मेंबर सबसे इंपोर्टेंट
एमके भाटिया ने कहा कि जब मैं चंडीगढ़ आया था तो एक सपना लेकर आया था कि कंपनी को बड़ा करना है। तब एक चीज सीखी कि बिजनेस में हमारे लिए सबसे इंपोर्टेंट हमारे टीम मेंबर होते हैं। उनकी मेहनत और ईमानदारी से कंपनी बड़ी बनती है।

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2. कंपनी से एंप्लॉय शब्द हटाया, ऑफस बॉय को भी कार दी
हमने एक नया सिस्टम बना दिया और हमने कंपनी में कह दिया कि आप हमारे स्टार और सेलिब्रिटी हो। हमने कंपनी से एंप्लॉय शब्द ही हटा दिया। अगर यह अच्छा काम करेंगे तो कंपनी को फायदा होगा। हमारे यहां मोहित हैं, इन्होंने ऑफिस बॉय जॉइन किया था। मगर इन्हें हम पर भरोसा रहा और आज उसे भी कार मिली है।

3. मुझे सीखने में 20 साल लगे
उन्होंने कहा कि हमें ये सब सीखने में 20 साल लग गए। अगर हमारे हाथ मौका लगा है तो इनको बता रहे हैं कि अगर जिंदगी में मेहनत करो। ईमानदारी से चलो तो यह सब भी संभव है।

4. जरूरतों की वजह से सपनों को न छोड़ें
मेरा मकसद यही है कि यह खुद से मोटिवेट हैं। कई बार फैमिली की जरूरत आदि की वजह से आदमी अपने सपनों को छोड़ देता है। अगर किसी का सपना 5 साल बाद के बजाय आज ही पूरा हो जाए तो वह खुद मोटिवेट होने के साथ दूसरों को भी मोटिवेट करेगा।

गीताजंलि बोली- आज तक सुना भी न था, अब देख भी लिया
गीतांजलि ने बताया कि ऑफिस का माहौल बहुत अच्छा है। हमें तो यहां लगता है कि हमारी सरकारी नौकरी है। हमने कभी नहीं सुना था कि कोई कंपनी ऐसा करती है। हमें इसकी उम्मीद तक नहीं थी। इससे घर वाले भी खुश हैं। हमारा हार्ड वर्क देखा गया तो हमें बहुत खुशी हो रही है।

4 साल से काम कर रही,कार मिल गई
एक कर्मचारी ने कहा कि मैं 4 साल से काम कर रही हूं। इतने समय में ही कंपनी का भरोसा बना है। यहां हम काम के वक्त काम करते हैं और ट्रिप वगैरह होती है तो हम इंजॉय भी करते हैं। मुझे तो कार तक चलाने नहीं आती।

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मुकेश गुसाईंना (Mukesh Gusaiana) झलको हरियाणा में सीनियर एडिटर और इसके सस्थापक हैं. डिजिटल मीडिया में 9 साल से काम कर रहे हैं. इससे पहले किसान केसरी पर अपनी सेवाएं दे रहे थे, इन्होने अपने करियर की शुरूआत चौपाल टीवी में कंटेंट राइटिंग से की और पिछले कई सालों से लगातार ऊँचाइयों को छूते जा रहे हैं ।
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