चंडीगढ़: जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में धान की फसल के अवशेषों को नहीं जलाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश 29 सितंबर से 30 नवंबर तक लागू रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आदेशों की अवहेलना का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसे वायु संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण 1981 अधिनियम के रूप में पढ़ा जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि आगजनी की घटनाओं से जान-माल की हानि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से जिले में पशु चारे की कमी होने की भी आशंका है।
उन्होंने कहा कि कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से मिट्टी के मित्र कीट मर जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी असर पड़ता है।
उन्होंने अपने आदेश में कहा कि जिले में धान की कटाई शुरू हो चुकी है और कई किसान धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जला देते हैं, जिससे पूरे आसमान में धुआं फैल जाता है, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।