गुड़गांव: हरियाणा सरकार ने हाल ही में प्रस्तावित मेट्रो लाइन के प्लान में बदलाव किया है, और अब पुराने गुड़गांव क्षेत्र से नए द्वारका एक्सप्रेसवे से इसे नहीं जोड़ा जाएगा। हरियाणा मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (हेमर्टीसी) ने नई प्रस्तावित लोकेशन को मेट्रो डिपो के रूप में चुना है और इसे मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह नया प्लान पर्यावरण सौहार्द्य को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया है।
नई लोकेशन का चयन: प्रस्तावित मेट्रो लाइन के पुराने प्लान के अनुसार, सेक्टर 9-9ए के समीप से द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थित सेक्टर 101 को जोड़ा जाना था। इसके साथ ही, इस सेक्टर में मेट्रो स्टेशन बनाने के साथ-साथ 13.5 एकड़ में मेट्रो डिपो का निर्माण करने का प्लान था। हालांकि, इस लोकेशन की ज़मीन पर वाटरलॉग भी है और इसे निजी स्वामी के पास है, जिसे अधिग्रहण करना होगा। इन कारणों से हेमर्टीसी ने इस प्लान को बदल दिया है।
नया प्लान: हेमर्टीसी के नए प्लान के अनुसार, मेट्रो डिपो को सेक्टर 33 में बनाया जाएगा, जो कि पुराने गुड़गांव क्षेत्र से दूर है। इस लोकेशन पर किसी भी वाटरलॉग की समस्या नहीं है और यह खुली जगह के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इससे द्वारका एक्सप्रेसवे तक की मेट्रो लाइन का निर्माण भी संभावना है और इससे परियावरण को भी बचाया जा सकता है।
नए प्लान की फायदे: नए प्लान के अनुसार, मेट्रो डिपो के निर्माण के लिए कोई व्यवसायिक गतिविधियों की आवश्यकता नहीं होगी, और इसे विवाद से दूर रखा जा सकता है। इस प्लान के तहत हेमर्टीसी द्वारा उपयोग की गई ज़मीन पहले से ही खुली जगह के रूप में आरक्षित है, और इसे एचएमआरटीसी के नाम पर स्थानांतरित किया जा सकता है।
इस नए प्लान के तहत हरियाणा मेट्रो के प्रोजेक्ट के लिए अधिक आर्थिक व्यय की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे इसकी कुल लागत कम हो सकती है। पुराने प्लान के अनुसार 27.5 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन के निर्माण के लिए 5452.72 करोड़ रुपये का खर्चा आने की आशंका है।
नई प्रस्तावित लोकेशन: नई प्रस्तावित लोकेशन का चयन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हेस्वीपी) के पास है, जिसके तहत सुभाष चौक से हीरो होंडा चौक के बीच लगभग 13.5 एकड़ ज़मीन उपलब्ध है। इस ज़मीन पर किसी तरह का विवाद नहीं है और इसके उपयोग के लिए कोई विभारात्मक चुनौती नहीं है।
नया प्लान की महत्वपूर्ण बातें:
- नई प्रस्तावित लोकेशन पर कोई वाटरलॉग की समस्या नहीं है और इसे खुली जगह के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- मेट्रो डिपो के लिए व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी, जिससे यह विवाद से दूर रहेगा।
- इस प्लान के तहत हरियाणा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अधिक आर्थिक व्यय की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे इसकी कुल लागत कम हो सकती है।
इस नए प्लान के तहत हरियाणा मेट्रो के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को संभावना है कि यह अधिग्रहण और प्रायोजन में सुधार करेगा और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा।
ध्यान दें कि यह प्लान तबादला सकता है और आगामी विकासों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय सरकार और संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना उचित होगा।