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किराए पर दिया है मकान-दुकान? तो ये कानून जरुर जान लें, नहीं तो मंथा पकड़कर रोते रह जायेंगे

Mukesh Gusaiana
4 Min Read

Property News: संपत्ति समाचार: आपके पास एक मकान, दुकान, या ज़मीन है और आप इसे किराए पर देने का विचार बना रहे हैं? तो आपको प्रॉपर्टी के किराएदारों के साथ संपत्ति के कब्जे से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी होनी चाहिए। अगर आपके पास अचल संपत्ति है, तो आपको इसकी सुरक्षा के लिए सावधान रहना चाहिए।

यहां हम अचल संपत्ति और किराएदारों के बीच के महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिससे आपको अपनी संपत्ति को कब्जे से बचाने में मदद मिलेगी।

अचल संपत्ति क्या है?

अचल संपत्ति एक प्रकार की संपत्ति होती है जिसे कोई चुरा नहीं सकता। इसमें मकान, दुकान, और ज़मीन शामिल होती है। यह संपत्ति किराए पर दी जाती है, लेकिन अगर आपकी संपत्ति पर किसी व्यक्ति द्वारा 12 साल से अधिक समय तक कब्जा किया गया है, तो यह मामला अदालत में जाने के बाद आपके पक्ष में आ सकता है।

इसे “एडवर्ड्स पजेशन” के रूप में जाना जाता है, और यह निम्नलिखित नियमों के तहत कार्य करता है:

  • अगर कोई व्यक्ति 12 साल से अधिक समय तक एक संपत्ति पर कब्जा कर लेता है, तो वह उस संपत्ति पर अपना अधिकार और कब्जा कर सकता है.
  • उस व्यक्ति को उस संपत्ति को बेचने का उत्तराधिकारी भी बन जाता है, हालांकि उस संपत्ति का शर्त काफी कठिन होता है.

बचाव के उपाय

किराएदारों के साथ संपत्ति को किराए पर देने से पहले, आपको खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। निम्नलिखित बचाव के उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

  1. किराए की अग्रीमेंट: सबसे पहली बात, जब भी आप किसी संपत्ति को किराए पर देते हैं, तो आपको उसे 11 महीने करंट अग्रीमेंट के तहत देना चाहिए। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि आपने अपनी संपत्ति को किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल के लिए दे दिया है।
  2. किराएदार की जानकारी: किराएदार की जानकारी लें और उनके पहचान की सबसे ज्यादा जानकारी प्राप्त करें। उनके आदर्श, पैसों की स्थिति, और अच्छे वित्तीय दर्जे की जाँच करें।
  3. दस्तावेज़ साक्षर: किराएदार से किराए की अग्रीमेंट को साक्षर करवाएं, जिसमें संपत्ति की विस्तारित जानकारी, किराए की राशि, और संपत्ति के सुरक्षित रखने के शर्तें शामिल हों।
  4. किराएदार की बुराई: अगर किराएदार अपनी दिनचर्या में बर्ताव में बुराई कर रहे हैं, तो तुरंत कानूनी कदम उठाएं। आपके पास विशेषज्ञ सलाह लेने के लिए किराएदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है।
  5. किराए की ज़मिन: किराए की ज़मिन पर ध्यान दें, जिसमें किराएदार का अधिकार नहीं हो सकता है। इसे विस्तार से पढ़ें और संपत्ति के साथ बेचने का अधिकार यदि आवश्यक हो, तो उसे सुनिश्चित करें।
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याद रखें कि संपत्ति को किराए पर देने से पहले और किराएदार को चुनने से पहले, आपको सावधानी से कदम उठाने चाहिए। यह आपकी संपत्ति को कब्जे से बचाने में मदद करेगा और आपको होने वाली किसी समस्या से दूर रखेगा।

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मुकेश गुसाईंना (Mukesh Gusaiana) झलको हरियाणा में सीनियर एडिटर और इसके सस्थापक हैं. डिजिटल मीडिया में 9 साल से काम कर रहे हैं. इससे पहले किसान केसरी पर अपनी सेवाएं दे रहे थे, इन्होने अपने करियर की शुरूआत चौपाल टीवी में कंटेंट राइटिंग से की और पिछले कई सालों से लगातार ऊँचाइयों को छूते जा रहे हैं ।
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