झलको हरियाणा, चंडीगढ़: Weather News- भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने कहा है कि अगले चार से पांच दिनों तक देश के अधिकांश इलाकों में कोई मौसमी बदलाव की संभावना नहीं है. आईएमडी के मुताबिक दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में अगले दो दिन तक कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है, उसके बाद बारिश में कमी देखी जाएगी. इसके अलावा देश के बाकी हिस्सों में मौसम में कोई परिवर्तन देखे जाने की संभावना नहीं है. यानी इन इलाकों में बारिश के आसार नहीं बन रहे हैं.
आईएमडी के मुताबिक, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. गांगेय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्से, अगले 02-03 दिनों के दौरान कर्नाटक के कुछ और हिस्सों और तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों से मॉनसून की वापसी के लिए हालात उपयुक्त बताए जा रहे हैं.
जम्मू और उससे सटे पाकिस्तान के इलाके में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जाएगा क्योंकि साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है. इसके अलावा उप हिमालयी बंगाल के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन का प्रभाव बना हुआ है. दूसरी ओर, 13 अक्टूबर के बाद पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उसके आसपास के मैदानी इलाकों को एक पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर सकता है.
दक्षिण भारत
10 और 11 तारीख को तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल में गरज और बिजली के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है. उसके बाद बारिश में कमी देखी जाएगी.
उत्तर पश्चिम भारत
10 और 13-15 अक्टूबर के दौरान कश्मीर-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर गरज और बिजली के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. 14 और 15 तारीख को पंजाब, उत्तरी हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है.
पूर्वोत्तर भारत
10 अक्टूबर को असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में गरज और बिजली के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आएगी.
पूर्वी भारत
अगले 24 घंटों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने और उसके बाद इसमें कमी आने की संभावना है. दोपहर/शाम के समय सिक्किम में हल्की से मध्यम वर्षा/गरज के साथ कुछ दौर की बारिश हो सकती है. मध्य और पश्चिम भारत में किसी तरह के मौसमी बदलाव की संभावना नहीं है.
उत्तर पश्चिम भारत में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र(जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड), पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और पूर्वी राजस्थान आते हैं. मध्य भारत में पश्चिम मध्य प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ आते हैं.
पूर्वी भारत में बिहार, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, गांगेय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं. पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय तथा नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा आते हैं.
पश्चिम भारत में गुजरात क्षेत्र, सौराष्ट्र और कच्छ, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा आते हैं. दक्षिण भारत में तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय कर्नाटक, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल और माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और लक्षद्वीप आते हैं.