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जनजातीय गौरव दिवस; जानिए क्यों बनाया जाता है जनजातीय गौरव दिवस

Mukesh Gusaiana
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Tribal Pride Day: जनजातीय गौरव दिवस, जो प्रति वर्ष 15 नवंबर को मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक उत्सव है जो भारत में अनेक जनजातियों के समर्थन में आयोजित किया जाता है। यह एक दिन का अवसर है जब लोग अपनी जनजाति के गौरव और विरासत को महत्वपूर्णता देते हैं और इसे बढ़ावा देने का समर्थन करते हैं।

इस दिन को समर्पित करने का उद्देश्य भारतीय समाज में जनजातियों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विविधता को प्रमोट करना है। जनजातियों का समर्थन करने और उन्हें समर्थन प्रदान करने का एक माध्यम भी है, जिससे विभिन्न समृद्धि और सामाजिक समरसता के क्षेत्रों में सहयोग हो सकता है।

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर, विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेला, नृत्य और संगीत समारोहों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में जनजातियों के विशेषता, उनकी रूचियां, और उनका ऐतिहासिक पृष्ठभूमि प्रमोट की जाती है। यह एक ऐसा मौका है जब लोग अपनी जनजाति के गौरव को साझा करते हैं और एक दूसरे के साथ अपने सांस्कृतिक धरोहर को समझने का प्रयास करते हैं।

इस दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा यह भी है कि लोग जनजातियों के समर्थन में एकजुट होकर उनकी समस्याओं और जरूरतों को समझने का प्रयास करते हैं। यह एक सामाजिक संगठन और एकजुटता को बढ़ावा देने का एक सुअवसर है, जो एक सशक्त और समृद्धि शील भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।Tribal Pride Day

इस प्रतिष्ठानीय दिन के माध्यम से हम सभी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित रहने का आह्वान किया जाता है, ताकि हम एक सशक्त और समृद्धि शील भारत की दिशा में साथ मिलकर कदम बढ़ा सकें।

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मुकेश गुसाईंना (Mukesh Gusaiana) झलको हरियाणा में सीनियर एडिटर और इसके सस्थापक हैं. डिजिटल मीडिया में 9 साल से काम कर रहे हैं. इससे पहले किसान केसरी पर अपनी सेवाएं दे रहे थे, इन्होने अपने करियर की शुरूआत चौपाल टीवी में कंटेंट राइटिंग से की और पिछले कई सालों से लगातार ऊँचाइयों को छूते जा रहे हैं ।
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